Friday, February 14, 2025

कांग्रेस को झटका, घरघोड़ा नगर पंचायत के पार्षद नीरज शर्मा ने पार्टी से दिया इस्तीफा वंशवाद व गुटबाजी से आहत होकर कांग्रेस से तोड़ा नाता

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रायगढ़। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में असंतोष की लहर गहराती जा रही है। पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब घरघोड़ा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद एवं ब्लॉक कांग्रेस के महामंत्री नीरज शर्मा ने प्राथमिक सदस्यता सहित समस्त दायित्वों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजे अपने त्यागपत्र में संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में अब उनके अनुभव और निष्ठा का सम्मान नहीं रहा।
ष्पार्टी में मेरी अब आवश्यकता नहीं-नीरज शर्मा
शर्मा, जिनका परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस की सेवा करता आ रहा है, ने अपने त्यागपत्र में उल्लेख किया कि उनके दादा स्व.हरिराम शर्मा घरघोड़ा नगर पंचायत के प्रथम मनोनीत अध्यक्ष थे और उनके पिता स्व. सुरेंद्र शर्मा भी कांग्रेस संगठन में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। नीरज शर्मा स्वयं वर्ष 2003 से पार्षद पद पर कार्यरत हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने उन्हें आहत किया है।
यह लिखकर सौंपा इस्तीफा
लंबे समय तक पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण के बावजूद मेरे अनुभव की अनदेखी की गई और टिकट काट दिया गया। इससे मुझे गहरा धक्का लगा है। कांग्रेस में वंशवाद, आंतरिक गुटबाजी और अहंकार हावी होता जा रहा है, जिससे समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है।
कहा- जनता की भावनाओं का सम्मान करते लिया बड़ा फैसला
नीरज शर्मा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह निर्णय केवल व्यक्तिगत असंतोष के कारण नहीं, बल्कि जनता की भावनाओं और आत्मसम्मान को ध्यान में रखते हुए लिया है। उन्होंने कहा कि संगठन में व्याप्त आंतरिक खींचतान और वंशवादी राजनीति से उनका विश्वास उठ गया है, जिसके चलते अब वे कांग्रेस से पूर्ण रूप से अलग हो रहे हैं।
अब निर्दलीय चुनाव समर में उतरकर बिगाड़ सकते हैं गणित
नीरज शर्मा के इस्तीफे के बाद घरघोड़ा नगर पंचायत में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। वार्ड क्रमांक 10 में उनकी मजबूत पकड़ है। वर्षों से पार्षद रहते हुए उन्होंने वार्ड के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों में उनकी अच्छी छवि बनी हुई है। उनकी सुलभता, सक्रियता और वार्डवासियों की समस्याओं के समाधान की प्रतिबद्धता के कारण जनता का एक बड़ा वर्ग उनके समर्थन में नजर आ रहा है। जनता की मांग और समर्थन को देखते हुए नीरज शर्मा निर्दलीय ही मैदान में उतर गए हैं जिससे दोनों पार्टी प्रत्याशियों के लिए खासी मुश्किल खड़ी हो गयी है।
शर्मा के इस्तीफे से घरघोड़ा की राजनीति में हलचल मच गई है। स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले एक मजबूत कांग्रेस नेता का पार्टी छोड़ना, संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शर्मा का अगला राजनीतिक कदम क्या होगाकृक्या वे किसी अन्य दल का दामन थामेंगे, या फिर स्वतंत्र रूप से जनता की सेवा करेंगे? वहीं, कांग्रेस नेतृत्व इस क्षति की भरपाई कैसे करेगा, यह भी एक अहम सवाल है।
राजनीतिक गलियारों में इस इस्तीफे को कांग्रेस की गिरती साख और आंतरिक कलह के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। क्या यह सिर्फ एक नेता की विदाई है या पार्टी के भीतर व्यापक असंतोष की आहट ? आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट होगी।

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