रायगढ़। वाणिज्यिक, खनन एवं औद्योगिक प्रायोजन तथा पुनर्वास नीति में बदलाव की मांग को लेकर तमनार क्षेत्र का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को रायपुर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और वित्त मंत्री ओ.पी. चैधरी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ में भी ओडिशा की तरह किसानों को उचित मुआवजा एवं पुनर्वास लाभ दिलाने के लिए नई नीति बनाने की जोरदार मांग की।
ज्ञापन पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया के नेतृत्व में सौंपा गया, जिसमें उन्होंने तमनार विकासखंड से सटे ओडिशा राज्य के खदान क्षेत्रों का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि तमनार के सीमावर्ती उडीसा प्रांत का बूढ़ा पहाड़ माइंस के खदानों के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसमें वहां के सरकारी दर 33 लाख रुपये प्रति एकड़ है। औद्योगिक प्रयोजन के तहत भूमि अधिग्रहण की स्थिति में यह राशि चार गुना तक बढ़ जाती है। इस तरह ओडिशा के किसानों को प्रति एकड़ एक करोड़ 32 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है।
आगे प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में किसानों को अपेक्षाकृत काफी कम मुआवजा मिलता है, जिससे भारी असंतोष और विषमता की स्थिति पैदा हो गई है। इस असमानता को दूर करने के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी वाणिज्यिक, खनन और औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास की एक नई, किसान हितैषी नीति बनाने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि इससे न केवल किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि भी आएगी।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) फंड की राशि का तमनार क्षेत्र के विकास कार्यों में प्राथमिकता से उपयोग किए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि खनन से प्रभावित तमनार क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास की सख्त जरूरत है। स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और सिंचाई जैसी आवश्यक सुविधाओं में सुधार के लिए डीएमएफ फंड का उपयोग तेजी से और पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। इस विषय पर नीति निर्धारण से प्रदेश के हर औद्योगिक क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
इसके अतिरिक्त प्रतिनिधियों ने स्थानीय उद्योगों में तमनार क्षेत्र के स्थानीय बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार देने की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि उद्योगों से प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को प्राथमिकता देना न्यायसंगत और आवश्यक है, ताकि उन्हें अपने ही क्षेत्र में बेहतर भविष्य मिल सके और पलायन जैसी समस्याओं पर भी नियंत्रण पाया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया के अलावा भाजपा जिला महामंत्री सतीश बेहरा, जिला पंचायत सदस्य रमेश बेहरा, रत्थु गुप्ता, मंडल अध्यक्ष सरोज बेहरा, सेत कुमार राठिया, चक्रधर राठिया, उमेश सिदार, आनंद पंडा, भारत पंडा, गोविन्द देहरी, तेजराम पटेल, राजेन्द्र सिदार, श्याम कुमार राठिया, कन्हाई पटेल, जयपाल राठिया, रामनाथ चैहान, घसिया राम, घनश्याम राठिया, अरुण बेहरा, आनंद बेहरा, घनश्याम पटेल, नरेश राठिया, प्रकाश राठिया, भक्ति राठिया, छत्तर नायक, परिखित राठिया, कुलदीप पटेल, जगत राम राठिया और दीनबंधु सहित दर्जनों सरपंच और जनप्रतिनिधि शामिल रहे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा कि ज्ञापन में उठाए गए बिंदुओं का विस्तृत अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और वित्त मंत्री ओ.पी. चैधरी ने भी प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।
तमनार के किसानों और जनप्रतिनिधियों की यह पहल क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस दिशा में कितनी जल्दी और प्रभावी कदम उठाती है।
तमनार के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सहित विधानसभा अध्यक्ष व वित्त मंत्री से मुलाकात कर नई पुनर्वास नीति बनाने की रखी मांग
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