रायगढ़। रायगढ़ में मिले बर्ड फ्लू के मामले के बाद कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा है। रायगढ़ शहर और आस-पास के 10 कि.मी.दायरे में लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग से डीआईओ डॉ.भानु पटेल ने बताया कि बर्ड फ्लू वायरस मुख्यतरू पक्षियों और जानवरों में फैलता है। भारत में बर्ड फ्लू वायरस के एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले नहीं देखे गए हैं। हालांकि इसके लक्षण और संक्रमण के जोखिमों को लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। इस वायरस से संक्रमण की स्थिति में हल्के से लेकर गंभीर लक्षण हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बर्ड फ्लू के अधिकतर लक्षण इंफ्लूएंजा की तरह ही दिखते हैं। इसकी समय रहते पहचान जरूरी है। डॉ.भानु पटेल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संक्रमण स्थल पोल्ट्री फार्म के एक किमी के दायरे में डोर-टू-डोर सर्वे कर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। जिससे फ्लू के लक्षण वाले लोगों को एहतियाती उपचार दिया जा सके। लोगों से अपील की गई है कि बुखार आने या फ्लू जैसे लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर उपचार अवश्य करवाएं।
बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के लक्षण
बर्ड फ्लू की स्थिति में ज्यादातर लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही देखे जाते हैं। इसमें बुखार, थकान, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, मतली और उल्टी, दस्त, नाक बहने और सांस फूलने की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों में बर्ड फ्लू के कारण कंजंक्टिवाइटिस का खतरा भी देखा जाता रहा है। इन लक्षणों पर समय रहते ध्यान देना और उपचार प्राप्त करने की सलाह दी गई है।
बर्ड फ्लू से बचाव के तरीके
एच 5 एन 1 (बर्ड फ्लू) से संक्रमित जानवर के शरीर के तरल पदार्थ, जैसे थूक (लार),छींकने-खांसने से निकलने वाले ड्रॉपलेट या मल के संपर्क में आने से इंसानों में ये संक्रमण हो सकता है। मुख्य रूप से मुर्गियों-पक्षियों के माध्यम से इसका खतरा अधिक होता है। बर्ड फ्लू के एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने का खतरा कम होता है। पक्षियों, जंगली जानवरों और पशुओं के निकट संपर्क में आने से बचने के उपाय, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखने और मास्क के माध्यम से इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
बर्ड फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर लोगों से एहतियात बरतने की अपील
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