रायगढ़। पुलिस मुख्यालय रायपुर की तकनीकी सेल द्वारा साइबर ठगी से जुड़ी बड़ी कार्रवाई में करोड़ों रुपये के लेन-देन में इस्तेमाल किए गए म्यूल बैंक खातों का खुलासा हुआ है। इन खातों का उपयोग साइबर ठगों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को जमा करने, खर्च करने और बढ़ाने के लिए किया जाता था।
इस संबंध में थाना चक्रधरनगर को पुलिस मुख्यालय से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर 59 बैंक खाताधारकों और अन्य संबंधितों पर कल तहत धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111, 3(5) बीएनएस के तहत धोखाधड़ी और संगठित अपराध की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
साइबर ठगी का खेल
जांच में पाया गया कि हेमंत मालाकार निवासी बासनपाली थाना पुसौर, स्थानीय खाताधारकों से उनके बैंक खाते प्राप्त कर आर्य शुबल पटेल निवासी बाझिनपाली जूटमिल को सौंपता था। इसके बाद, आर्य शुबल पटेल इन खातों को आगे साइबर ठगों को उपलब्ध कराता था। इस प्रक्रिया में दोनों को भारी कमीशन मिलता था। इस संबंध में आगे विस्तृत जांच की जा रही है।
आरोपियों के खातों में लाखों का लेन-देन
जांच के दौरान साइबर सेल रायगढ़ से प्राप्त दस्तावेजों में खुलासा हुआ कि कौशल सिदार के खाते में एक बार में 1,00,000 जमा हुआ। वहीं धनीचरण बरेठ के खाते में 14 बार अलग-अलग तारीखों में कुल 8,50,000 ट्रांसफर किए गए।
खाताधारकों को यह स्पष्ट जानकारी थी कि यह धनराशि साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त की गई है और यह अवैध संपत्ति है। पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उन्हें कल शाम गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी
एसपी दिव्यांग पटेल के मार्गदर्शन पर इस कार्रवाई में साइबर सेल डीएसपी अनिल विश्वकर्मा, निरीक्षक प्रशांत राव, थाना प्रभारी चक्रधरनगर, उप निरीक्षक गेंदलाल साहू, प्रधान आरक्षक संतोष कुर्रे के साथ साइबर सेल और थाना चक्रधरगर स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। रायगढ़ पुलिस ने अपील की है कि लोग म्यूल खातों के जाल में न फंसे और अपने बैंक खाते को अनजान व्यक्तियों के साथ साझा न करें। रायगढ़ पुलिस का यह अभियान साइबर अपराधियों पर लगातार जारी रहेगा।
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