रायगढ़। रायगढ़ मिट्ठूमुड़ा रोड सावित्री नगर निवासी फोटो वीडियो का लंबे अरसे से व्यवसाय चलाने वाले पुनीत टांक ने अपने छोटे भाई सुमित टांक (चीकू)की जम्मू में ब्रेन हेमरेज से हुई मृत्यु के पश्चात अपने वरिष्ठ परिजनों व अध्यात्म गुरु से मृतक भाई के देहदान करने की स्वीकृति ली व उनकी देह को उधमपुर जम्मू चिकित्सा महाविद्यालय को विद्यार्थियों के लिए अनुसंधान करने उनके अंगों को जरूरतमंद लोगों को प्रत्यारोपण करने शिक्षा व चिकित्सा में उपयोग करने हेतु सुपुर्द कर दिया।
देहदान करने की मंशा मृतक के परिजनों को कैसे आई एस संबंध में उनके भाई पुनीत व अर्पित टांक ने बताया कि हमारी माताजी जो तिलक स्कूल की रिटायर्ड अध्यापिका हैं उनसे जब हमने इस संबंध में बात की तब उन्होंने भी नम नेत्रों से अपनी पीड़ा को दबाकर इस निर्णय के लिए अपनी सहमति जताई टांक बंधुओं ने कहा अंगदान महादान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में या मृत्यु के बाद अपने शरीर को चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए दान करता है जो एक महान कार्य है जो मानवता की सेवा में किया जाता है और इसके कई फायदे हैं
देहदान से चिकित्सा छात्रों को मानव शरीर का अध्ययन करने का अवसर मिलता है, जिससे वे अपने ज्ञान और कौशल में सुधार कर सकते हैं। वहीं अनुसंधानकर्ताओं को नई बीमारियों के इलाज और उपचार के लिए शोध करने में मदद मिलती है। देहदान एक ऐसा कार्य है जो मानवता की सेवा में किया जाता है और इससे समाज को बहुत लाभ होता है।
सुमित टांक की मृत्यु उपरांत परिजनों ने लिया देह दान का निर्णय चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान के क्षेत्र में मददगार साबित होगा
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