रायगढ़। नगरीय निकाय चुनाव के लिये महापौर और वार्ड पार्षदों का पद प्राप्त करने के लिये पिछले सप्ताह भर से चल रहा चुनावी शोर रविवार की शाम समाप्त हो गया और महापौर सहित वार्ड प्रत्याशियों ने चुनावी शोर थमने के बाद डोर टू डोर जन संपर्क तेज कर दिया है। चुनावी शोर थमने के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अब प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने और अपने पक्ष में करने के लिये चुनावी प्रलोभन और खरीद फरोख्त की राजनीति भी कर सकते हैं। ऐसा सुनने में आ रहा है कि कुछ पुराने पार्षद जो इस तरह की राजनीति में निष्णात हैं। वे अब डोर टू डोर संपर्क करने के साथ-साथ लेनेदेन के लिये भी जगह बनाने लगे हैं। रायगढ़ में बर्ड फ्लू की दहशत के बीच दारू मुर्गा का दौर तो नही चल रहा है मगर कल शाम से दारू बंटने की संभावना बवलती होने लगी है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रलोभन के इस खेल में सत्ताधारी दल के पार्षद बाजी मार सकते हैं। जबकि विपक्षीय पार्टी कांगे्रस के प्रत्याशियांे के हाथ फिलहाल खाली हैं। विशेष बात यह है कि प्रत्याशियों के साम दाम दंड भेद की रणनीति के बावजूद मतदाताओं की मंशा इसलिये लोगों के समझ से परे है क्योंकि शहर का आम मतदाता इन दिनों साईलेंट किलर की भूमिका में नजर आ रहा है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि या तो 15 तारीख को जिस दिन ईवीएम का मुंह खुलेगा उस दिन कोई अप्रत्याशित रिजल्ट देखने को मिल सकता है या फिर प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला भी सामने आ सकता है।