धरमजयगढ। इन दिनों धरमजयगढ़ वनविभाग में बेजाकब्जा का खेल चरम पर है, जहां पर लोग अब जंगल को तोड़ कर जेसीबी मशीन से खेत निर्माण व मकान निर्माण की जा रही है। वनविभाग धरमजयगढ वनमंड़ल में जहाँ देखे वही कही ना कही शासकीय भूमि पर जमीन बेजाकब्जा हुआ पड़ा है। जिस पर आज तक क्या कार्यवाही हुई समझ से परे है। ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ के पारेमेर ग्राम पंचायत के घुटलुआ कहे जाने वाले गांव से सामने आया है। यहां एक ग्रामीण द्वारा कई दिनों से नदी किनारे स्थित पहाड़ी टीले से सटी भूमि को जेसीबी लगाकर समतल करवाया जा रहा जिसपर किसी विभागीय कर्मचारी की नजर क्यों नहीं पड़ी है यह समझ से परे है।
जब इसकी जानकारी हमें मिली तब हमारे द्वारा उक्त स्थल पर जाकर देखा गया तब घटनास्थल पर जेसीबी कार्य करता दिखाई पड़ा, जब उक्त स्थल पर मौजूद व्यक्ति से पुछा गया तब उन्होंने किसी प्रकार के परमिशन लेने की बात नहीं की गई वही व्यक्ति ने बताया की जिस जगह वह जेसीबी चलवा रहा है उसके निचे की भूमि उसकी निजी भूमि है इसी लिए वह शासकीय भूमि पर खेत बनवा रहा है।
क्या कहते हैं विभाग के कर्मचारी
जब इस सम्बन्ध में राजस्व विभाग के पटवारी विजय तिर्की से बात की गई तब उन्होंने बताया की उन्हें इस मामले से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं और वह मौके पर जाकर देखेंगे की जमीन राजस्व की है या फारेस्ट की।
पारेमेर गांव के जंगल में धडल्ले से चल रही जेसीबी विभागीय कर्मचारी अधिकारी बने मुकदर्शक!
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