Friday, October 17, 2025

ब्लैक डायमंड कंपनी की मनमानी पर फूटा गुस्सा स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत पर उठे सवाल?

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रायगढ़। घरघोड़ा विकासखंड के डोकरबुड़ा गांव में ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव कंपनी के खिलाफ जनता का आक्रोश अब चरम पर पहुंच गया है। प्रशासन की कथित मिलीभगत और संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। महिलाओं और पुरुषों ने अपनी जमीन बचाने के लिए एक स्वर में घोषणा की कि वे अपनी भूमि का एक इंच भी नहीं देंगे, चाहे उन्हें इसके लिए कितनी भी बड़ी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।
संवैधानिक नियमों को ताक पर रखकर दिया डायवर्सन
ग्रामीणों का आरोप है कि डोकरबुड़ा गांव, जो कि अनुसूचित क्षेत्र में आता है, वहां किसी भी उद्योग या परियोजना के लिए ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक होती है। लेकिन ब्लैक डायमंड कंपनी को कथित रूप से प्रशासन के संरक्षण में भूमि का अवैध डायवर्सन दिया गया। एसडीएम घरघोड़ा और नायब तहसीलदार द्वारा आपत्तियों को नजरअंदाज कर कंपनी को जमीन सौंप दी गई, जिससे ग्रामवासियों का गुस्सा फूट पड़ा।
ग्राम सभा की अवहेलना और वन विनाश
गांव की महिलाओं ने अपने घरेलू कामकाज छोड़कर कलेक्ट्रेट पहुंचकर मांग की कि इस अवैध डायवर्सन को तत्काल निरस्त किया जाए। वर्तमान में कंपनी जंगलों में पेड़ों की कटाई और जमीन की खुदाई कर रही है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि ग्रामीणों की आजीविका भी खतरे में पड़ गई है। यह स्पष्ट रूप से पंचायत अधिनियम, 1996 (च्म्ै। ।बज) और भूमि अधिग्रहण अधिनियम का खुला उल्लंघन है।
प्रशासन पर गंभीर आरोप, एसडीएम को निलंबित करने की मांग
ग्रामीणों ने एसडीएम घरघोड़ा पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके निलंबन की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि एसडीएम ने ब्लैक डायमंड कंपनी के साथ सांठगांठ कर ग्राम सभा की अनुमति के बिना ही अवैध रूप से डायवर्सन कर दिया। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर इस निर्णय को रद्द नहीं किया गया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
भाजपा नेता पर भी आरोप, जनता में रोष
गांववासियों का आक्रोश सिर्फ प्रशासन तक सीमित नहीं है, बल्कि एक स्थानीय भाजपा नेता पर भी आरोप लगाए गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, यह नेता प्रशासन के संरक्षण में जंगल में जेसीबी से खुदाई करवा रहे हैं और खुद को सांसद का करीबी बताकर कंपनी के हित में काम कर रहे हैं। इससे नाराज ग्रामीण अब एसडीएम कार्यालय का घेराव करने और सड़क जाम करने की चेतावनी दे रहे हैं।
क्या प्रशासन करेगा न्याय या फिर भड़केगा जनसैलाब?
इस पूरे मामले ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या जिला प्रशासन अब ग्रामवासियों की मांगों पर ध्यान देगा या फिर अपने रसूखदार नेताओं और कंपनियों के हितों की रक्षा करेगा? अगर जल्द ही न्यायसंगत फैसला नहीं लिया गया, तो रायगढ़ में एक बड़ा जनआंदोलन खड़ा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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