देश की संसद का बजट सत्र अभी जारी है। गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। ये असंवैधानिक है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपने जो सलाह दी, हम उसे मानते हैं। यही तरीका उधर वाले मान लें तो सही है। हमारा एक ही विषय है। जेपीसी की जो रिपोर्ट है उसमें कई सदस्यों ने आपत्ति जताई उनके डिसेंट नोट को बाहर निकालना गलत है। संसदीय प्रक्रिया में ऐसा नहीं चलता है। हमारे लिए ये रिपोर्ट फर्जी है। यह असंवैधानिक है। इस रिपोर्ट को फिर से पेश कीजिए।
संसद में लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित
संसद में लोकसभा की कार्यवाही पांच मिनट ही चल सकी। विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। जिससे कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई
दरअसल, वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण, कब्जा और दुरुपयोग के मामले लगातार चर्चा में रहते हैं। मुस्लिम वर्ग के अंदर से कई बार ये प्रश्न उठता रहा है कि मुतलवी की सहायता से वक्फ की जमीन पर समाज के रसूखदार लोग, नेता, अधिकारी वगैरह अनाधिकार अतिक्रमण करते रहते हैं। केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल में इस बात का ख्याल भी रखा है कि वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण के मामले को कैसे रोका जाए। वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी जेपीसी ने लोकसभा अध्यक्ष को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें ये बताया है कि एएसआई द्वारा संरक्षित देशभर में 280 स्मारक स्थलों पर वक्फ ने अपना दावा ठोका है। इसे लेकर विवाद की स्थति बनी हुई है। दिल्ली में केंद्र सरकार के अंतर्गत ASI के 75 मोनूमेंट को भी वक्फ ने अपनी संपत्ति बताया है।
जगदंबिका पाल ने कहा था कि वक्फ का कानून बनने के बाद देश के गरीबों, अल्पसंख्यकों, विधवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा था, “तीन तलाक पर सरकार ने जो फैसला लिया, मुस्लिम महिलाओं ने इसका स्वागत किया। मैं समझता हूं कि जब जेपीसी की यह रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, तो देश के सभी लोग यह महसूस करेंगे कि उनकी सरकार वक्फ बोर्ड में अच्छा संशोधन लेकर आई है। इसका लाभ लोगों को मिलेगा।”