रायगढ़। रामनवमी पर्व के अवसर पर रायगढ़ की सड़कों पर रामभक्तों का जनसैलाब दिखा। पूरा शहर न केवल रामभक्ति में डूबा रहा, बल्कि सड़क सिर्फ और सिर्फ भगवा झंडे, पोस्टर और बैनर से पटा रहा। रामनवमी शोभायात्रा में 60 से अधिक समाज के लोगों ने झांकियां निकालते हुए सामाजिक एकता की जो बानगी पेश की, वह तारीफ-ए-काबिल है। यही वजह है कि रामनवमी आयोजन समिति की ज्मकर सराहना हो रही है।
एक दौर ऐसा भी था जब कला और संस्कार की नगरी रायगढ़ की पहचान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेला के चलते होती थी, लेकिन कालांतर में अब यहां बीते 2014 से रामनवमी शोभायात्रा की शुरुआत जिस भव्यता से हुई, उसने जनमानस के दिलों में अपनी अलग पहचान बना ली है। सबसे खास बात यह है कि रामनवमी आयोजन समिति में कोई अध्यक्ष य्य कोई सचिव नहीं होता, बल्कि सभी सदस्य के तौर पर सक्रिय रहते हुए तन, मन और धन से समर्पित रहते हैं। और तो और रामनवमी आयोजन समिति में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर धरातल पर सार्थक काम होता है।
चूंकि, राम के नाम पर रामनवमी होती है इसलिते रामभक्तों में इस आयोजन को और बेहतर रूप देने के लिए महीने भर पहले से होड़ रहती है। शहर के सुभाष चैक स्थित हनुमान मंदिर से रामभक्तों की पहली बैठक होती है। इसके बाद सर्व समाज से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ रामनवमी आयोजन समिति कई बैठकें करते हुए यह तय करती है कि अबकी मर्तबे नया क्या होगा। यही नहीं, शहर के विभिन्न चैक-चैराहों को भगवा झंडे, पोस्टर, बैनर से लेकर स्वागत द्वार से सजाया गया था।
रामनवमी की शाम शहर के नटवर स्कूल मैदान में शाम 4 बजे से शोभायात्रा की रौनकता बढ़ाने के लिए जनसैलाब उमड़ता है। जिला और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के बीच 60 से अधिक समाज के लोग राम दरबार की झांकियां निकालते हुए जब शहर भ्रमण पर निकलते हैं तो राहगीरों की आंखें उन्हें देखने के लिए ठहर सी जाती है। देर रात शोभायात्रा जब रामलीला मैदान पहुंचती है तो वहां महाभण्डारे के साथ इसका विधिवत समापन होता है।
रायगढ़ रेलवे स्टेशन के पास बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चैक से शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए जब रामलीला मैदान जाती है तो हर चैक-चैराहे पर खानपान और पेयजल से उनका आत्मीय स्वागत सत्कार की अनुकरणीय परंपरा भी दिखती है। लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार पानी, शरबत, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, चॉकलेट, चना, हलवा, खिचड़ी से लेकर मिठाई तक बांटते हुए सामाजिक सरोकार निर्वाह करते हैं।
इस वर्ष आयोजन समिति द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आकषर्क झाकियों में मध्यप्रदेश के उज्जैन से डमरू दल, आदिवासी नृत्य, चार्लीन चैपलिन, स्केटिंग रंगोली, हरियाणा से अघोरी बाहुबली महादेव, महिला कर्मा, ग्लोवर, ओडिशा पुरी से घंट बाजा, 32 मुखी काली माता बाहुबली हनुमान और विशालकाय नंदी बैल पर सवार शिव दृ पार्वती ने समां बांधते हुए लोगों का दिल जीत लिया।
मुस्लिम बिरादरी ने गुलाब जल से किया इस्तकबाल
हिन्दू-मुस्लिम एकता का उदाहरण पेश करते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने चांदनी चैक में बखूबी अपना फर्ज निभाया। रामनवमी शोभायात्रा जब चांदनी चैक पहुंची तो वहां मुस्लिम जमात के उत्साही सदस्यों ने गुलाब जल से जोरदार इस्तकबाल करते हुए लोगों को शीतल जल पिलाते हुए गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल भी पेश की।