रायगढ़: रायगढ़ में चुनावी माहौल गरमाते ही प्रदेश के मुख्यि चाय बनाते नजर आए। जो भी नेता आ रहे हैं चाय बना रहे हैं । सवाल यह है कि चाय बनाकर वह रायगढ़ की जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या प्रदेश के मुखिया, उपमुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, विधायक को रायगढ़ के विकास की चिंता नहीं, बल्कि सिर्फ़ चुनावी नाटक करने में रुचि है? ऐसा कार्य मुख्यमंत्री की गरिमा के अनुकूल नहीं प्रतीत होता।
रायगढ़ में आम आदमी पार्टी (AAP) के उच्चशिक्षित राष्ट्रीय पहचान रखने वाले महापौर प्रत्याशी रुसेन कुमार मिरी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर जिम्मेदारी का एहसास है, तो वह रायगढ़ के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज इस बजट में घोषित करते, न कि चाय बनाने का दिखावा करते।”
**चाय नहीं, रायगढ़ को अपना हक चाहिए**
रुसेन कुमार ने कहा कि रायगढ़ की जनता मुख्यमंत्री, विधायक, उप-मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री—सभी को चाय बनाते देखकर हैरान है, इतने लोग कितनी बार चाय बनाएँगे।
- क्या चाय बनाने से रायगढ़ की बदहाल सड़कें सुधर जाएंगी?
- क्या चाय बनाने से युवाओं को रोजगार मिलेगा?
- क्या चाय बनाने से नगर निगम में पारदर्शिता आ जाएगी?
“अगर मुख्यमंत्री और उनके मंत्री जितना समय चाय बनाने में लगा रहे हैं, उतना समय रायगढ़ के प्रशासनिक सुधार के लिए लगा देते, तो रायगढ़ की समस्याएं एक दिन में सुधर जातीं।”
**मीठी चाय बनाइए, रायगढ़ की जनता नींबू निचोड़ देगी**
रुसेन कुमार ने कहा कि यह चाय राजनीति रायगढ़ की धर्मनिष्ठ, ईमानदार और निर्भीक जनता को अधिक समय तक गुमराह नहीं कर सकती। “आप जितनी भी मीठी, दूधवाली चाय बना लीजिए, रायगढ़ की जनता अपना अमूल्य वोट ‘नींबू के रस’ की तरह डालकर आपकी चाय फाड़ देगी।”