Saturday, March 15, 2025

सत्यनारायण बाबा के जीवन पर आधारित 2007 में बनी सर्वप्रथम गीत को 12 लाख से अधिक लोगो ने देखा मेरा सौभाग्य है कि मैंने तपस्वी बाबा के गीत को प्रथम गायक के रूप में स्वर दिया- दीपक आचार्य

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रायगढ़। कोसमनारा बाबाधाम में तपस्या पर बैठे श्री सत्यनारायण बाबा के जीवन पर पहली बार सन 2007 में लोकगायक दीपक आचार्य ने गीत गाया था जिसे गीतकार संतोष शर्मा ने लिखा था आज वह गीत देश विदेश तक प्रसार हो चुका है अब तक 12 लाख से अधिक लोगो ने उस एलबम सांग को देखा है,बाबाधाम में यह गीत आज भी दुकानों में मकानों में और मंदिरों में सुनाई देते हैं महाशिवरात्रि पर्व के पहले ही पुनः इस जीवंत गीत को फिर से सुना और देखा जा रहा है।
विदित हो कि ष्दर्शन करले नाम तो जप ले नारायण नारायण- ये नाम है बाबा का ष् गीत सत्यनारायण बाबा जी के जीवन ( इतिहास ) पर आधारित सर्वप्रथम गीतकार संतोष शर्मा द्वारा  लिखा गया और लोकगायक दीपक आचार्य द्वारा गाया गया है,इस गीत के माध्यम से  ’बाबाजी का बाल्यकाल, उनकी शिक्षा, उनके साथी, तपस्या गमन, तपोस्थली, बाबा जी की साधना ,तपोस्थल की जानकारी , वर्तमान के आयोजन आदि प्रस्तुत किया गये है।
वर्तमान में सत्यनारायण बाबाधाम कोसमनारा तीर्थस्थल बन चुका है ,यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु बाबाजी के दर्शन करने आते हैं आप इस गीत के माध्यम से जानकारी और दर्शन लाभ ले सकते हैं। बाबाजी से मिलने का समय रात्रि 1 रू00 बजे से 4 रू00 बजे तक है। वही प्रातः 7 बजे से रात्रि 12रू30 बजे तक  बाबाजी ध्यान में रहते हैं। बाबाजी बिना अन्न जल ग्रहण किये 16 फरवरी 1998 से टिकरानुमा स्थल में पत्थर को शिवजी मानते हुए जिव्हा को काटकर चढ़ा दिए और चिलचिलाती धूप मूसलाधार बारिश कड़कड़ाती ठंड में खुले बदन खुले स्थान पर बैठकर तपस्या कर रहे हैं।
दीपक आचार्य ने बताया कि बाबाजी के गीत को बनवाने और रिलीज करवाने में विशेष योगदान वनमण्डल रायगढ़ का रहा है,पर्यावरण जागरूकता गीत बनाते समय हमने बाबाधाम को भी सन 2007 में पर्यावरण से जोड़ने के लिये बाबाजी का गीत बनाया और वहाँ प्रसाद के साथ समस्त श्रद्धालुओ को 1 – 1 पौधा निःशुल्क प्रदान किया जाने लगा ताकि जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाई जा सके। बाबाधाम परिसर में जितने भी पीपल बरगद निम के पेड़ हैं उसी समय के है, दीपक ने बताया कि रुचि अनुसार कक्षा दूसरी से गायन लेखन और गीतों को कंपोजिंग कर रहे हैं और एलबम सांग सन 2000 से गा रहे हैं उसके बाद कई लोकगीत,भजन,कामर्सियल गीत की रिकार्डिंग कर चुके हैं साथ ही सैकड़ो प्राइवेट एवं सरकारी स्टेज प्रोग्राम भी कर चुके हैं साथ ही राज्यपाल पुरस्कार,नेशनल एवं इंटरनेशनल पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।

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