Saturday, March 15, 2025

नक्सली कमांडर हिडमा के गांव में खुला स्कूल, कैंप भी बना है

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 छत्तीसगढ़ में नक्सली मोर्चे पर लगातार सफलता मिल रही है, एक तरफ नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के लगातार ऑपरेशन से माओवादियों की कमर टूट रही है तो दूसरी तरफ शासन और प्रशासन मिलकर नक्सल प्रभावित इलाकों में आम लोगों को मुख्य धारा में जोड़ने में जुटे हैं, जिसमें सबसे जरूरी है शिक्षा. सुकमा अतिनक्सल प्रभावित जिला माना जाता है, लेकिन अब यहां भी सफलता मिलनी शुरू हो गई है. घोर नक्सली माने जाने वाले टेकलगुडेम गांव में अब एक मॉडल स्कूल बन चुका है, जिसमें बच्चों की पढ़ाई भी शुरू होगी. खास बात यह है कि इलाका खूंखार नक्सली कमांडर हिडमा और देवा के प्रभाव वाला माना जाता है, ऐसे में यहां स्कूल खुलना बड़ी सफलता माना जा रहा है. दरअसल, सुकमा जिले का टेकलगुडेम धुर नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है, जहां नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा एक्टिव रहते हैं, लेकिन कुछ महीनों पहले हिडमा के गांव में सुरक्षाबलों ने अपा कैंप खोला था, जिसके बाद अब यहां स्कूल भी खुल चुका है, जिसका नाम गुरुकुल रखा गया है. स्कूल के साथ-साथ यहां बच्चों के खेलने के लिए भी प्रबंध किया गया है, जबकि इसके आगे पूवर्ती गांव जिसे नक्सलियों की राजधानी तक कहा जाता है वहां भी सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित हो चुका है. ऐसे में जब से फोर्स ने इस इलाके को कब्जे में लिया है तब से यहां विकास की शुरुआत हो गई है. विकास से कोसों दूर यह इलाका अब विकास की राह पर चलने लगा है, CRPF की 150वीं बटालियन ने यहां के आदिवासी बच्चों के लिए स्कूल खुलवाया है, स्कूल के पास ही सुरक्षाबलों का कैंप है, ऐसे में यहां सुरक्षा की पूरी व्यवस्था रहेगी. जबकि गांव के ही कुछ युवाओं को इन बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा गया है. ताकि बच्चों को पढ़ने में भी परेशानी न हो और वह आसानी से पढ़ाई कर सके. खास बात यह है कि इस स्कूल को बनाने में 150 बटालियन के जवानों ने अपने निजी संसाधनों का उपयोग किया है, ऐसे में यहां के बच्चों के लिए अब भविष्य में आगे बढ़ने के लिए यह एक अच्छा अवसर बन गया है. बता दें कि टेकलगुडेम वहीं जगह है जहां 2021 में माओवादियों ने बड़ा हमला किया था, इस हमले में सुरक्षाबलों के 21 जवान शहीद हो गए थे, जबकि नक्सलियों ने एक जवान का अपहरण भी कर लिया था. जिसके बाद देशभर में हड़कंप मच गया था, हालांकि बाद में स्थानीय लोगों की पहल के बाद नक्सलियों ने जवान को रिहा कर दिया था. इस हमले के बाद से ही सुरक्षाबलों ने यहां ऑपरेशनों में तेजी लाई है और लगातार दोनों तरफ से कार्रवाई अब नक्सलियों के खिलाफ हो रही है.

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