रायगढ़। गर्मी के शुरू होते ही अब रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों का तांडव शुरू हो चुका है। चार दिनों के भीतर रायगढ़ वन मंडल के अलग-अलग गांव में जंगली हाथी ने एक दर्जन से भी अधिक मकानों के अलावा फसलों को नुकसान पहुंचाये जाने की जानकारी सामने आ चुकी है। जिससे हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणो में दहशत का माहौल निर्मित हो चुका है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के जंगलों में एक लंबे अर्से से जंगली हाथियों की मौजदूगी है। खासकर गर्मी के दिनों में जंगली हाथियों का आतंक कुछ अधिक बढ़ जाता है। चूंकि जंगलों गर्मी लगते ही भोजन और पानी की समस्या निर्मित हो जाने से हाथी अक्सर गांव की बस्ती तक आ जाते हैं और जमकर उत्पाम मचाकर वापस जंगलों में लौट जाते है। इस बीच अगर किसी इंसान से सामना हो जाये तो इंसान की भी मौत हो जाती है।
बीती रात तकरीबन 11 बजे के आसपास जंगल से निकलकर रायगढ़ वन मंडल के अंतर्गत आने वाले अमलीडीह बस्ती के एक दंतैल हाथी पहुंचा और गांव के गौरन राठिया, सामारू राठिया, बीपद राठिया के मकान को ढहाते हुए काफी नुकसान पहुंचाया है। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद आज सुबह वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर नुकसान के आंकलन करने में जुट गई है।
विदित रहे कि रायगढ़ वन मंडल में एक हाथी पिछले दो दिनों से जमकर उत्पात मचा रहा है। शुक्रवार को भगोरा गांव निवासी नरेन्द्र यादव, प्रहलाद भोय के मकान को नुकसान पहुंचाने के बाद यह हाथी चकाबहाल गांव पहुंचा जहां उसने सुरेन्द्र चैहान, अनिरूद्ध खंडेत, संधर धनवार, सुरूज सिदार के मकान को भी तोड़ा। गांव के ग्रामीण हो हल्ला करा हाथी को किसी तरह भगाये जिसके बाद यह हाथी बंगुरसिया बस्ती जा पहुंचा जहां फिर से उसने संतोष विश्वकर्मा के अलावा कमला सिदार के मकान को तोड़कर घर में रखे चावल को खा गया।
बताया यह भी जा रहा है कि यह जंगली हाथी तमनार रेंज की तरफ से आया था और पडकीपहरी में भी कुछ मकानों के अलावा कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचाये जाने की बात कही जा रही है। फिलहाल रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों के बढते उत्पात से एक बार फिर से हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है।
रायगढ़ में फिर शुरू हुआ हाथी का उत्पात अमलीडीह में 03 मकान को तोड़कर पहुंचाया क्षति 04 दिन के भीतर 12 से अधिक मकान तोड़ चुके हाथी
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