Saturday, March 15, 2025

EPFO News: म‍िनटों में न‍िकलेगा PF! बैंक की तरह काम करेगा EPFO, मोदी सरकार लेकर आई धांसू प्‍लान

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EPFO Latest News: अगर आप नौकरीपेशा हैं और ईपीएफओ (EPFO) के मेंबर भी हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से लगातार कर्मचार‍ियों की सहूल‍ियत पर काम क‍िया जा रहा है. इसी क्रम में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने ऐलान क‍िया क‍ि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस साल जून तक नया सॉफ्टवेयर सिस्टम ईपीएफओ 3.0 (EPFO 3.0) को लॉन्च करेगा. उन्होंने बताया क‍ि नया सिस्टम बैंकिंग सिस्टम की तरह काम करेगा और इसकी वेबसाइट ज्‍यादा यूजर फ्रेंडली होगी.

 

क‍िसी भी इमरजेंसी भी ईपीएफओ मेंबर एक तय ल‍िमिट तक पैसा न‍िकाल सकेंगे. केंद्रीय मंत्री ने बताया क‍ि ईपीएफओ 3.0 (EPFO 3.0) लॉन्च क‍िये जाने के बाद ईपीएफओ मेंबर्स को एटीएम कार्ड प्रोवाइड कराये जाएंगे. उन्होंने बताया क‍ि आईटी स‍िस्‍टम 2.01 के तहत वेबसाइट और सिस्टम को अपग्रेड करने का पहला फेज जनवरी 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा. इसके बाद नाम में गलती या क‍िसी अन्‍य कारण से पीएफ अकाउंट से पैसा न‍िकालने में परेशानी नहीं होगी. उन्‍होंने दावा क‍िया क‍ि मई-जून तक ईपीएफओ (EPFO) का पूरा स‍िस्‍टम बैंक की तरह काम करना शुरू कर देगा.

ईपीएफओ के डेटा को सेंट्रलाइज्‍ड क‍िया जा रहा
आईटी स‍िस्‍टम 2.01 के तहत ईपीएफओ के सभी डेटा को सेंट्रलाइज्‍ड क‍िया जा रहा है. उन्‍होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया क‍ि अभी पीएफ अकाउंटहोल्‍डर्स को पैसे न‍िकालते समय कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है. लेक‍िन स‍िस्‍टम अपग्रेड होने के बाद नाम में गलती, आधार और बैंक अकाउंट का नंबर अपडेट नहीं होना और पुरानी कंपनी का पीएफ ट्रांसफर नहीं होने जैसी समस्‍या का सामना नहीं करना पड़ेगा. स‍िस्‍टम अपग्रेडेशन पूरा होने के बाद पीएफ न‍िकासी समेत कई तरह के काम आसानी से हो सकेंगे. इसके बाद गलत‍ियों को पकड़ने और उन्‍हें सही करने में भी ज्‍यादा समय नहीं लगेगा.

यूपीए सरकार के मुकाबले एनडीए सरकार में रोजगार बढ़ा
देश में बढ़ती बेरोजगारी के विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते हुए मंडाविया ने दावा किया कि यूपीए सरकार के मुकाबले एनडीए सरकार में रोजगार बढ़ा है. उन्‍होंने कहा क‍ि देश में रोजगार पिछले 10 साल में 36 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 64.33 करोड़ रहा है. जबकि 2014-15 में यह 47.15 करोड़ था. उन्‍होंने कहा यूपीए सरकार के तहत 2004 से 2014 के बीच रोजगार में करीब 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2014 के बीच सिर्फ 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां सृजित हुईं, जबकि नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत 2014-24 के बीच 17.19 करोड़ नौकरियां जोड़ी गईं.

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