
अवैध प्लाटिंग, बिगाड़ रही नगर निगम की तस्वीर साहब को एक प्लाट मिलते ही अवैध, वैध में तब्दील
अवैध प्लाटिंग का कारोबार रायगढ़ में फल फूल रहा है, सरकारी पट्टे की जमीन को टुकड़ों में बेचकर अधिकारी से लेकर जमीन दलाल मलाई खा रहे है।
रायगढ़ के चारो तरफ अवैध प्लाटिंग का कारोबार रसूखदारों व छुटभैय्या नेताओ के संरक्षण में फल फूल रहा है, इस कारोबार से सरकार को करोड़ो रूपये का नुकसान हो रहा है, अवैध प्लाटिंग के कारण अपराध बढ़ रहा है लॉ एन ऑर्डर की स्थिति पैदा होते रहती है, नेता और साफ सुथरी और ईमानदार बनने वाली नेत्रियां भी अवैध प्लाटिंग के धंधे में कंधे से कंधा मिला कर सरकार को चुना लगाने में पीछे नही रहते है। सब को पता है कि कहां कहां अवैध प्लाटिंग व कब्जा करके बाद मे बेचने का कारोबार चल रहा है लेकिन जनहित की बात करने वाले नेता मौन है। सब मिलबाट कर खा रहे है, यही अवैध कालोनी नगर निगम के लिए बाद में सिरदर्द बनती है, अवैध प्लाटिंग में नगर निगम के अधिकारी भी कहीं न कहीं शामिल है। तभी तो कार्यवाई नही होती।
रायगढ़ के नगर निगम में सालों से जमे कर्मचारी इस अवैध कारोबार कि जड़ है। जिला मुख्यालय से लगे तहसील में बड़ा खेल होता है, साहब लोग अवैध प्लाटिंग में रिश्वत के रूप में जमीन लेकर काम कर रहे, सभी का अवैध प्लाटिंग में हिस्सा है। इसलिए तहसील के साहब भी मौन रहते है। आखिर रहे क्यो न हो। सब का कमीशन समय से पहुच जाता है।
अगर रायगढ़ में कड़ाई से जांच की गई तो कई छोटे व बड़े अधिकारी भी इस रडार में आने से नही रहेंगे। रायगढ़ नगर निगम की नाकामी के कारण अवैध कालोनी का पानी सड़क में बह रहा है, कही तालाब में जा रहा है, तो कही नदी में जा रहा है। जिसके कारण सड़क लगातार खराब हो रही है। पानी दूषित हो रहा है। फिर निगम के अधिकारियों ने बिल्डर व अवैध कॉलोनाइजरो पर कार्रवाई क्यों नही की है।
कुछ महीने पूर्व नगर निगम पहाड़ मंदिर क्षेत्र में कुछ मकानों को सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा बता कर तोड़ दिया गया था आज उसी जगह को एक कालोनाइजर अपना बता रहा है जब कि शासकीय रिकार्ड में उस कालोनाइजर का एक टुकड़ा जमीन है बाकी सब सरकारी है। लेकिन शासन के नुमाइंदों के साथ साठगांठ करके पूरी जमीन को अपना बता रहा है। इस कालोनाइजर से आसपास के लोग प्रताड़ित है।