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पेड़ो की छटाई के दौरान डाल टूटकर ओएचई में गिरने से ट्रेनों के पहिए थम गए

पेड़ो की छटाई के दौरान डाल टूटकर ओएचई में गिरने से ट्रेनों के पहिए थम गए

 बिलासपुर | हथबंद रेलवे स्टेशन में पेड़ो की छटाई के दौरान एक डाल टूटकर सीधे ओएचई में जा गिरी। इसके तार टूटा और ट्रेनों के पहिए थम गए। इसके कारण यात्री परेशान हुए। करीब चार से पांच घंटे के बाद तार को जोड़ा गया। इसके बाद भी ट्रेनों का परिचालन शुरू होने में कुछ समय लग गया। घटना शाम करीब 5:20 बजे की है। हथबंद में रेलवे का अमला मेंटेनेंस कर रहा था। इस दौरान लाइन किनारे के पेड़ की छटाई भी की जा रही थी। लेकिन रेलकर्मियों से चूक हो गई और डाल बाहर गिरने के बजाय ओएचई पर जा गिरी। इससे खंभा क्षतिग्रस्त हुआ और तार भी टूटकर लटकने लगा है। ट्रेनें बिना ओएचई के नहीं चल सकती। इसलिए उस समय जितनी भी ट्रेनें रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली थी, उन्हें हथबंद के अलावा पहले के स्टेशनों में नियंत्रित कर दिया गया। बिलासपुर में आधा दर्जन ट्रेनों के पहिए थमे रहे।

 

 

 

परेशान हुए यात्री 

इस घटना से यात्रियों को परेशानियां भी हुईं। ट्रेन में फंसे यात्री वजह जानने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। बाद में कुछ यात्री चालक, परिचालक व गार्ड के पास पहुंचे और कारण पूछा। तब उन्हें बताया गया। साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि सुधार कार्य जारी है। इसलिए कुछ समय लगेगा। इसके बाद यात्री वापस चले गए।

 

 

 

यहां नियंत्रित की गई ट्रेनें

मुंबई-हावड़ा मेल हथबंद में खड़ी रही है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन की स्थिति तो यह थी कि यहां प्लेटफार्म कम पड़ने लगे थे। शाम 6:20 बजे छूटने वाली बिलासपुर- भगत की कोठी एक्सप्रेस आधे बाद रवाना हुई। शाम 4:40 बजे छूटने वाली बिलासपुर-रायपुर लोकल ट्रेन रात 9:30 बजे के बाद और शाम छह बजे छूटने वाली कोरबा-विशाखापत्तनम लिंक एक्सप्रेस भी रात नौ बजे जोनल स्टेशन से गंतव्य के लिए रवाना हुई। इसके बाद राजेंद्रनगर-दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस थी। यह ट्रेन शाम 5:30 बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचती है, लेकिन घटना के चलते इस ट्रेन को आउटर पर रोक दिया गया था। यह ट्रेन रात 10 बजे के बाद जोनल स्टेशन से छूटी।

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