रायगढ़ । रायगढ़ पूर्वांचल के सुसंस्कृत ग्राम महापल्ली में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में गत 10 अप्रैल से कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुई श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का 13 अप्रैल को चैथा दिवस रहा। ध्रुव चरित्र पर आख्यान देते हुए पंडित रामकृष्ण दास शास्त्री ने कहा कि वाणी घाव का भी काम करती है और औषधि का भी । समय आने पर यही शब्द घाव बन जाता है और समय पर यह ओषध का भी काम करता है। महाभारत का उद्धरण देते हुए पंडित रामकृष्ण दास ने कहा कि द्रौपदी ने कहा था कि अंधे का पुत्र अंधा ही होता है,यही शब्द दुर्योधन के लिए घाव का काम किया और महाभारत हो गया। इस लिए वाणी ऐसा बोलिए किसी की दिल न दुखे ।वाणी एक बार निकल गई तो दुबारा वापस नहीं आती जैसे धनुष से तीर निकलने के बाद वापस तूणीर में नहीं आती। भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रोताओं को सुनीति और सुरुचि की कथा कहते हुए पंडित जी ने कहा कि सुरुचि मनमाना आचरण करने वाली होती है जबकि सुनीति नीति पूर्वक आचरण करती है। मनमाना आचरण करने से जो सुख शांति प्राप्ति होती है वह रात को सोने के बाद उठने से जैसी दुख होता है वैसे ही यह सुख क्षण भंगूर है। सुरुचि को सभी पसंद करते हैं जबकि सुनीति को कोई पसंद नहीं करता। सुनीति से उत्पन्न संतान ध्रुव की प्राप्ति होती है जबकि सुरुचि से उत्तम संतान प्राप्ति होती है।अतः व्यक्ति को हमेशा सुनीति को ही अपनाना चाहिए।
भागवत कथा सुनने के लिए लोगों की हुजूम उमड़ रही है।वही यू ट्यूब के माध्यम से भी भक्तजन कथा श्रवण कर रहे हैं। आपको बता दें कि पंडित रामकृष्ण दास शास्त्री जी का ग्राम महापल्ली में भगवत कथा कहने का यह लगातार दूसरा वर्ष है। स्थानीय भागवत कथा प्रेमियों की अनोखी पहल से भगवत कथा का संगीतमय अमृत बयार अनवरत जारी है।
महापल्ली में चल रही है भागवत कथा का संगीतमय अमृत बयार वाणी घाव का भी काम करती है और औषध का भी-पंडित रामकृष्ण दास शास्त्री
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