रायगढ़। बाल संरक्षण और यौन अपराधों के मामलों में त्वरित एवं प्रभावी न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष रायगढ़ में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में जिला मुख्यालय के विवेचकगण तथा जिले के विभिन्न थानों में पदस्थ अनुसंधान अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक पटेल ने पॉक्सो एक्ट के मामलों की विवेचना को त्रुटिरहित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि आरोपियों को शत-प्रतिशत सजा दिलाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इसमें उत्कृष्ट अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन मामलों की विवेचना में कोई चूक नहीं होनी चाहिए, जिससे अपराधियों को कानूनी प्रक्रिया का लाभ न मिल सके और पीड़ित पक्ष को न्याय मिले।
कार्यशाला के दौरान उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती उन्नति ठाकुर, निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह बैस और निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने चिन्हित पॉक्सो प्रकरणों की केस स्टडी का विश्लेषण किया। इस दौरान विवेचकों द्वारा पीड़िता की उम्र के निर्धारण, साक्ष्य संकलन की त्रुटियों और अन्य तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई। पर्यवेक्षण अधिकारियों ने विवेचना संबंधी जटिलताओं को स्पष्ट करते हुए अनुसंधान की बारीकियों को साझा किया और उपस्थित विवेचकों के प्रश्नों के उत्तर दिए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक पटेल ने उन विवेचकों को सम्मानित किया, जिन्होंने पॉक्सो एक्ट के मामलों में दोषसिद्धि सुनिश्चित करने में प्रभावी भूमिका निभाई। साथ ही, जिन प्रकरणों में आरोपी दोषमुक्त हुए, उन मामलों में अपील दायर करने के निर्देश दिए गए।
कार्यशाला में उप पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा, श्रीमती उन्नति ठाकुर, उत्तम प्रताप सिंह, साधना सिंह, सुशांतो बनर्जी सहित शहर के सभी थाना प्रभारी एवं विवेचक उपस्थित रहे।
रायगढ़ में पॉक्सो एक्ट मामलों की प्रभावी विवेचना पर आयोजित कार्यशाला एसपी ने पॉक्सो एक्ट के आरोपियों को शत-प्रतिशत सजा दिलाने त्रुटिरहित विवेचना पर दिया बल
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